देश के 63,000 जनजातीय गांवों में 17 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की 25 विकास गतिविधियों का लाभ मिलने जा रहा है। इससे सामाजिक आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में सुधार होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू कर दिया है। । यह अभियान 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,740 ब्लॉकों में 5 करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभ देगा।
आने वाली 15 नवंबर को आदिवासी गौरव दिवस पर धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के नए कार्यक्रमों का शुभारंभ हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने झारखंड के हजारीबाग में 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसी के साथ धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ हुआ।
भारत तभी प्रगति कर सकता है जब आदिवासी समाज तेज गति से प्रगति करे। केंद्र सरकार आदिवासी उत्थान पर अधिकतम ध्यान दे रही है । शुरुआत में धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष में लगभग 80,000 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 550 जिलों में 63,000 आदिवासी बहुल गांवों का विकास किया जाएगा। आदिवासी बहुल गांवों में सामाजिक-आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा और इसका लाभ देश के 5 करोड़ से अधिक आदिवासी भाई-बहनों तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा, “झारखंड के आदिवासी समाज को भी इससे बहुत लाभ होगा।”
झारखंड से ही पीएम-जनमन योजना की शुरुआत की गई थी। आने वाली 15 नवंबर, 2024 को जनजातीय गौरव दिवस पर भारत पीएम-जनमन योजना की पहली वर्षगांठ मनाएगा। पीएम-जनमन योजना के माध्यम से देश के उन आदिवासी क्षेत्रों तक विकास का लाभ पहुंच रहा है, जो पीछे रह गए थे। सबसे पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर जीवन के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। जब आदिवासी युवाओं को शिक्षा और अवसर मिलेंगे तो आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा। इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाने का अभियान जारी है। एकलव्य विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा । इसके लिए प्रत्येक विद्यालय का बजट भी लगभग दोगुना कर दिया है।
